लोकप्रिय पोस्ट

सोमवार, 1 नवंबर 2010

ज्ञान के इस पुन्य पथ पर

ज्ञान के इस पुन्य पथ पर , नव सृजन का साथ हो | (२)
हम बढे सबको बढ़ाएं , एसा दृढ़ विशवास हो | .......... ज्ञान ...


जन्म भूमि के लिए हम , कुछ तो ऐसा कर चलें |
शारदे के कमल रज में, जी चलें या मर चलें |
खुद बढ़ें सबको बढ़ाएं , एसा साथी साथ हो  | .......... ज्ञान ...


समय कैसे बीत जाये, कुछ समाज न आयेगा |
पायेगा ना कुछ ओ राही, बाद में पचातायेगा  |
ज्ञान का दीपक जला तुं, जग में तेरा नाम हो  | ........ ज्ञान ...


मन में हो जो इच्छा शक्ति, वो सफल हो जाएगा  |
असमर्थ हो कोई कितना, मेरु पर चढ़ जाएगा   |
सृजन कर सबको पढ़ा दे , ज्ञान ज्योति मसाल को ...... ज्ञान ...
                                                                       -नेमसिंह कौशिक 

कोई टिप्पणी नहीं: